Thursday, June 11, 2015

vishontary mahadasha fal

||  विंशोत्तरी महादशा फल  ||
बुध महादशा फल (जन्म - फरवरी 4, 1973)
आपकी कुण्डली में बुध मीन राशि में स्थित है, जो की बुध की नीच राशि है। बुध दसवें, पहले घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में सातवें घर में स्थित है। बुध की दृष्टि पहले घर पर है। मंगल, गुरु की पूर्ण दृष्टि बुध पर है।

इस अवधि में आपकी प्रसिद्धि एवम् सम्मान में इजाफा होगा। विद्वानों के साथ रहने का मौका आयेगा। आपका व्यापार या व्यवसाय बढैगा और चमकेगा। स्त्री वर्ग से आपके क्षेत्र में सहायता मिलेगी। सुखद यात्रा की भी संभावना है। लाभप्रद सौदा करेंगे और आपके भागीदार व सहयोगी आपको अपना बेहतर सहयोग देंगे। किसी प्रतिस्पर्धा में भी सफल रहना निश्चित है।
केतु महादशा फल (फरवरी 4, 1973 - फरवरी 4, 1980)
आपकी कुण्डली में केतु तुला राशि में स्थित है। केतु दूसरे घर में स्थित है। केतु की दृष्टि छठें, आठवें, दसवें घर पर है। सूर्य, राहु की पूर्ण दृष्टि केतु पर है।

गन्दी भाषा बोलने के कारण अपने लोगों से भी आपकी दुश्मनी होने की संभावना है। इसलिये आपको अपनी वाणी पर पूरा नियंत्रण रखना चाहिए। खास तौर पर उन लोगों के प्रति जिनसे आपकी घनिष्टता है। नहीं तो गलतफहमी हो जायेगी। पैसे रूपये की हानि होने की संभावना है। अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ आपके निर्वाह में मुश्किलें पेश आयेंगी। इस अवधि में कोई नये उघम न शुरू करें। इसी माह में आपके व्याधिग्रस्त होने की भी संभावना है। आत्मविश्वास की कमी आपमें स्पष्ट परिलक्षित होगी। यात्राओं का कोई व्यवहारिक अर्थ नहीं निकलेगा। साधारण तौर पर यह समय आपके लिये अच्छा नहीं है क्योंकि आत्मीय जन भी काफीदूर हो जायेंगे।
शुक्र महादशा फल (फरवरी 4, 1980 - फरवरी 4, 2000)
आपकी कुण्डली में शुक्र वृषभ राशि में स्थित है, जो की शुक्र की स्‍व-राशि है। शुक्र नौवें, दूसरे घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में नौवें घर में स्थित है। शुक्र की दृष्टि तीसरे घर पर है। शनि की पूर्ण दृष्टि शुक्र पर है।

उच्च पदस्थ लोगों से आप सम्मान प्राप्त करेंगे और उनके कृपा भाजन रहेंगे। माता पिता और गुरूजनों से संबंध अति मधुर रहेंगे। इस अवधि के दौरान आप सुदूर प्रदेशों की यात्रा करेंगे। पारिवारिक जीवन आपके लिये सुखद एवम् अनुकूल रहेगा। आप के थोड़े प्रयत्न करने पर भी आपकी आमदनी बढ जायेगी। इस अवधि के दौरान विपरीत परिस्थितियों से सही तौर पर निपटने की आपकी क्षमता का विकास होगा। अगर आपकी पदोन्नति होने ही वाली है तो जैसी चाहेंगे वैसी ही होगी। आपका दिमाग धार्मिक क्रियाकलापों एवम् जीवन संबंधी उच्च दर्शन की ओर आकृष्ट रहेगा। हर लिहाज से यह समय अच्छा है।
सूर्य महादशा फल (फरवरी 4, 2000 - फरवरी 4, 2006)
आपकी कुण्डली में सूर्य मेष राशि में स्थित है, जो की सूर्य की उच्च राशि है। सूर्य बारहवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में आठवें घर में स्थित है। सूर्य की दृष्टि दूसरे घर पर है। मंगल, केतु की पूर्ण दृष्टि सूर्य पर है।

अचानक समस्यायें खड़ी हो सकतीं हैं। संबंधियों से व्यवहार अच्छा रखें नहीं तो बेवजह झगड़े होंगे। स्वास्थ्य का ख्याल रखें। लम्बी अवधि के लिये बीमार रहने की आशंका रहेगी। अनैतिक कार्यों में प्रवृती न होईये तथा सन्देहास्पद सौदों से बचें। महत्वपूर्ण कागजों पर दस्तखत करने से पहले कागज अच्छी तरह पढें।
चंद्र महादशा फल (फरवरी 4, 2006 - फरवरी 4, 2016)
आपकी कुण्डली में चन्द्र कर्क राशि में स्थित है, जो की चन्द्र की स्‍व-राशि है। चन्द्र ग्यारहवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में ग्यारहवें घर में स्थित है। चन्द्र की दृष्टि पांचवें घर पर है।

आपके मित्र और सहयोगी आपकी सहायता करेंगे। इस अवधि में आपकी महत्वाकांक्षा और इच्छाओं की पूर्ति होगी। किसी लाभप्रद सौदे से आप सम्बंधित रहेंगे। लम्बी यात्राओं की प्रबल संभावना है। सभी लिहाज से परिणाम बहुत अच्छे रहेंगे।
मंगल महादशा फल (फरवरी 4, 2016 - फरवरी 4, 2023)
आपकी कुण्डली में मंगल कन्या राशि में स्थित है, जो की मंगल की शत्रु राशि है। मंगल आठवें, तीसरे घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में पहले घर में स्थित है। मंगल की दृष्टि चौथे, सातवें, आठवें घर पर है। बुध, शनि की पूर्ण दृष्टि मंगल पर है।

इस अवधि में मिले जुले फल मिलेंगे। आपकी इच्छाओं के विपरीत परिणाम हो सकते हैं इसलिये फल के प्रति अधिक उत्साह दिखाने वाली प्रवृति पर नियंत्रण रखें। छोटी मोटी बीमारी या हल्की दुर्घटना होने की संभावना भी है। जोखिम उठाने या सट्टेबाजी के लिये यह समय श्रेयस्कर नहीं है। पारिवारिक झंझटों के कारण मानसिक शांति भंग हो सकती है।
राहु महादशा फल (फरवरी 4, 2023 - फरवरी 4, 2041)
आपकी कुण्डली में राहु मेष राशि में स्थित है। राहु आठवें घर में स्थित है। राहु की दृष्टि बारहवें, दूसरे, चौथे घर पर है। मंगल, केतु की पूर्ण दृष्टि राहु पर है।

इस अवधि के दौरान दुर्घटनायें मानसिक शांति भंग कर सकती हैं। प्रयासों में असफलता ही हाथ लगेगी। आपके भ्रम भयकारी मनोविकृति बन सकते हैं। आपकी साथी का बर्ताव आपको असहनीय मालूम पड़ेगा। धन्धे / व्यापार में भी काम अच्छा नहीं चलेगा। कुछ न कुछ परेशानियां आपको सदैव घेरे रहेंगी। स्वास्थ्य की समस्याओं के कारण आप सही प्रकार से अपने वचन नहीं निभा पायेंगे। गूढ विज्ञान की ओर आपकी रूचि जागृत होगी और कुछ अतीन्द्रिय अनुभव भी प्राप्त कर सकते हैं।
गुरु महादशा फल (फरवरी 4, 2041 - फरवरी 4, 2057)
आपकी कुण्डली में गुरु कर्क राशि में स्थित है, जो की गुरु की उच्च राशि है। गुरु चौथे, सातवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में ग्यारहवें घर में स्थित है। गुरु की दृष्टि तीसरे, पांचवें, सातवें घर पर है।

इस अवधि मे आप काफी उत्साह सुख पूर्ण होंगे। यह समय बेहद अच्छा बीतेगा। विदेशियों या सुदूर स्थलों पर रहने वाले लोगों से आपके संबंिधत सौमनस्यपूर्ण रहेंगे। नये उद्यमों के साथ आपके सम्बंद्ध रहेंगे। भाई बहन भी इस अवधि में खुशहाल रहेंगे। यदि आप किसी प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा में भाग ले रहें हैं तो अवश्य सफल होंगे। इस अवधि के दौरान आप समाधि इत्यादि में दिलचस्पी रखेंगे। आपकी स्पष्ट रूप से वृती दार्शनिक रहेगी।
शनि महादशा फल (फरवरी 4, 2057 - फरवरी 4, 2076)
आपकी कुण्डली में शनि मीन राशि में स्थित है, जो की शनि की सम-राशि है। शनि पांचवें, छठें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में सातवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि नौवें, पहले, चौथे घर पर है। मंगल, गुरु की पूर्ण दृष्टि शनि पर है।

यह अच्छा समय नहीं है क्योंकि आपके भागीदार या सहयोगी आपको नीचा दिखाएगें। औरों की लापरवाही और असफलताओं से आप चिन्तित रहेंगे। रोजमर्रा के कामों में भी समस्याएं खड़ी हो सकती है। बेबुनियाद इल्जाम आपके घ¹पर मंढे जाएगें। छोटे मोटे झंझट या विवादों से बचें। स्त्री वर्ग से आपके संबंध अच्छे नहीं रहेंगे। जहां तक संभव हो फालतू की यात्रा कम करें। व्यापार के बड़े बड़े निर्णय लेने या विकास की योजनाओं पर ध्यान देने के लिए यह आवश्यक है कि आप पूरी जांच परख करके ही ऐसा करें।

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