|| लाल किताब फलकथन ||
सूर्य राशि आपके 8 th भाव में स्थित है |
आठवें भाव स्थित सूर्य यदि अनुकूल हो तो उम्र के 22वें वर्ष से सरकार का सहयोग मिलता है। ऐसा सूर्य जातक को सच्चा, पुण्य और राजा की तरह बनाता है। कोई उसे नुकसान पहुँचाने में सक्षम होता। यदि आठवें भाव स्थित सूर्य अनुकूल न हो तो दूसरे भाव में स्थित बुध आर्थिक संकट पैदा करेगा। जातक अस्थिर स्वभाव, अधीर और अस्वस्थ्य रहेगा। उपाय: (1) घर में कभी भी सफेद कपड़े न रखें। (2) दक्षिण मुखी घर में न रहें। (3) हमेशा किसी भी नए काम शुरू करने से पहले मीठा खाकर पानी पिएं। (4) यदि सम्भव हो तो किसी जलती हुई चिता में तांबे के सिक्के डालें। (5) बहते हुए पानी में गुड़ बहाएं। |
चंद्र राशि आपके 11 th भाव में स्थित है |
यह घर बृहस्पति और शनि से पूरी तरह प्रभावित होता है। इस घर में स्थित हर ग्रह अपने शत्रु ग्रहों और उनके साथ जुडी बातों को नष्ट कर देता है। इस प्रकार यहां स्थित चंद्रमा अपने शत्रु केतू की चीजों को नष्ट कर देता है जैसे जातक के बेटे आदि को। यहां चंद्रमा को अपने शत्रुओं शनि और केतू की संयुक्त शक्ति का सामना करना पडता है, जिससे चंद्रमा कमजोर होता है। ऐसे में यदि केतू चौथे भाव में स्थित है तो जातक की मां का जीवन खतरे में पडेगा। बुध से जुडे व्यापार भी हानिप्रद साबित होंगे। शनिवार के दिन से घर का निर्माण या घर की खरीदी चंद्रमा के शत्रु को बलवान बनाते हैं जो जातक के लिए विनाशकारी साबित होगा। आधी रात के बाद कन्यादान और शुक्रवार के दिन किसी भी शादी समारोह में शामिल होना जातक के भाग्य को नुकसान पहुंचाएगा। उपाय: (1) भैरव मंदिर में दूध बांटे और दूसरों को उदारतापूर्वक दूध का दान करें। (2) सुनिश्चित करें कि दादी अपने पोते को न देखने पाए। (3) दूध पीने से पहले सोने के एक टुकड़े को आग में गरम करें और दूध के गिलास में डालकर बुझाएं, इसके बाद दूध पिएं। (4) 125 पीस पेड़े (मिठाइयां) नदी में बहाएं। |
मंगल राशि आपके 1 st भाव में स्थित है |
पहले घर में स्थित मंगल ग्रह जातक को उम्र के 28 वर्ष से अच्छे स्वभाव वाला, सच्चा और अमीर बनाता है। उसे सरकार से सहयोग मिलता है और वह अधिक प्रयास के बिना दुश्मनों पर जीत हासिल करता है। जातक शनि से संबंधित व्यवसायों जैसे लोहा, लकडी और मशीनरी आदि के माध्यम से खूब धनार्जन करता है और शनि से संबंधित रिश्तेदार जैसे, भतीजे, पोते, मामा/चाचा आदि के लिए ऐसे जातक से मिला सहज श्राप कभी बेकार नहीं जाता। शनि और मंगल की युति जातक को शारीरिक कष्ट देती है। उपाय: (1) मुफ्त के उपहार या दान स्वीकार नहीं करना चाहिए। (2) बुरे कामों और झूठ से बचें। (3) संतों और फकीरों की संगति बहुत हानिकारक साबित होगी,अत: उनसे बचें। (4) हाथीदांत की चीजें बहुत प्रतिकूल प्रभाव देंगी, अतः उनसे बचाव करें। |
बुध राशि आपके 7 th भाव में स्थित है |
पुरुष कुंडली में सातवें घर में स्थित बुध जातक के शुभचिंतकों के लिए शुभ परिणाम देता है। स्त्री जातक की कुण्डली में भी यह अच्छा परिणाम देता है। जातक की कलम में तलवार से ज्यादा ताकत होगी। जातक की शाली हर लिहाज़ से सहयोगी सिद्ध होगी। यदि चन्द्रमा पहले भाव में स्थित हो तो विदेश यात्रा लाभकारी रहेगी। तीसरे भाव में स्थित शनि ससुराल वालों को अमीर बनाता है। उपाय: (1) साझेदारी के व्यापार से बचें। (2) सट्टेबाजी से बचें। (3) खराब चरित्र वाली साली से सम्बन्ध न रखें। |
गुरु राशि आपके 11 th भाव में स्थित है |
इस घर में बृहस्पति अपने शत्रु ग्रहों बुध, शुक्र और राहु से सम्बंधित चीजों और रिश्तेदारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। नतीजतन, जातक की पत्नी दुखी रहेगी। इसी तरह, बहनें, बेटियां और बुआ भी दुखी रहेंगी। बुध सही स्थिति में तो भी जातक कर्जदार होता है। जातक तभी आराम से रह पाएगा जब वह पिता, भाइयों, बहनों और मां के साथ साथ एक संयुक्त परिवार में रहे। उपाय: (1) हमेशा अपने शरीर पर सोना पहनें। (2) तांबे का कडा पहनें। (3) पीपल के पेड़ में जल चढाएं। |
शुक्र राशि आपके 9 th भाव में स्थित है |
इस घर में स्थित शुक्र अच्छे परिणाम नहीं देता। जातक धनवान हो सकता है लेकिन अपनी रोटी के लिए उसे कडी मेहनत करनी पडेगी। उसे अपने प्रयासों का उचित पुरस्कार नहीं मिलेगा। घर में पुरुष सदस्यों, पैसा, धन और संपत्ति की कमी हो जाएगी। यदि शुक्र बुध या किसी अशुभ ग्रह के साथ है तो जातक सत्रह साल की उम्र से नशे और किसी रोग का शिकार हो जाएगा। उपाय: (1) घर की नींव चांदी और शहद दबाएं। (2) पत्नी (या स्त्री है तो स्वयं) लाल चूड़ियाँ पहनें जिनमें चांदी की धारियां हों अथवा चांदी चूड़ियाँ जिन पर लाल रंग की डिजाइनिंग हो। (3) किसी नीम के पेड़ के नीचे 43 दिनों के लिए चांदी का टुकड़ा दबाएं। |
शनि राशि आपके 7 th भाव में स्थित है |
यह घर बुध और शुक्र से प्रभावित होता है, दोनो ही शनि के मित्र ग्रह हैं। इसलिए शनि इस घर में बहुत अच्छा परिणाम देता है। शनि से जुड़े व्यवसाय जैसे मशीनरी और लोहे का काम बहुत लाभदायक होगा। यदि जातक अपनी पत्नी से अच्छे संबंध रखता है तो वह अमीर और समृद्ध होगा और लंबी आयु के साथ अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेगा। यदि बृहस्पति पहले घर में हो तो सरकार से लाभ होगा। यदि जातक व्यभिचारी हो जाता है या शराब पीने लगता है तो शनि नीच और हानिकर हो जाता है। यदि जातक 22 साल के बाद शादी करता है तो उसकी दृष्टि पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है। उपाय: (1) किसी बांसुरी में चीनी भरें और किसी सुनसान जगह जैसे कि जंगल आदि में दफना दें। (2) काली गाय की सेवा करें। |
राहु राशि आपके 8 th भाव में स्थित है |
आठवें घर का संबध शनि और मंगल ग्रह से होता है। इसलिए इस भाव का राहू अशुभ फल देता है। जातक अदालती मामलों में बेकार में पैसे खर्च करता है।परिवारिक जीवन भी प्रतिकूलता से प्रभावित होता है। यदि मंगल ग्रह शुभ हो तथा पहले या आठवें घर में हो अथवा शुभ शनि आठवें घर में हो तो जातक बहुत अमीर होगा। उपाय: (1) चांदी का एक चौकोर टुकड़ा पास रखें। (2) सोते समय तकिये के नीचे सौंफ रखें। (3) बिजली का काम या बिजली विभाग में काम न करें। |
केतु राशि आपके 2 nd भाव में स्थित है |
दूसरा घर चंद्रमा से प्रभावित होता है, जो केतु का शत्रु ग्रह है। यदि दूसरे भाव में स्थित केतू शुभ है तो जातक को पैतृक सम्पत्ति मिलती है। जातक खूब यात्राएं करेगा और यात्राओं से लाभ मिलेगा। ऐसी स्थित में शुक्र अपनी स्थिति के अनुसार अच्छे परिणाम देता है। चंद्रमा बुरे परिणाम देता है। यदि सूर्य 12 वें घर में हो जातक अपनी उम्र के चौबीस साल के बाद से अपनी आजीविका कमाना शुरू कर देता है। यदि केतू के साथ उच्च का बृहस्पति हो तो लाखों की आमदनी होगी। यदि दूसरे भाव में स्थित केतू अशुभ है तो जातक सूखे इलाकों की यात्राएं करेगा। जातक एक जगह पर आराम नहीं कर सकेगा और वह जगह-जगह भटकता रहेगा। आमदनी अच्छी होगी लेकिन, खर्च भी उतना ही हो जाएगा। इसप्रकार वास्तविक लाभ नगण्य हो जाएगा। यदि चंद्रमा या मंगल आठवें घर में हों तो जातक अल्पायु होगा और उसे सोलह या बीस साल की उम्र में गंभीर समस्या होगी। यदि आठवां घर खाली हो तो भी केतू बुरे परिणाम देगा। उपाय: (1) माथे पर केसर या हल्दी का तिलक लगाएं। (2) चरित्र का ढीला नहीं होना चाहिए। (3) यदि मंदिरों की धार्मिक यात्रा करें और मंदिरों में सिर झुकाएं तो दूसरे भाव का केतू अच्छे परिणाम देगा। |
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