Thursday, June 11, 2015

Graha Vichar

||  आपकी कुण्डली और ज्योतिष में ग्रह विचार  ||

आपकी कुण्डली और ज्योतिष में ग्रह विचार

सूर्य विचार
आपकी कुण्डली में सूर्य राशि में स्थित है, जो की सूर्य की उच्च राशि है। सूर्य बारहवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में आठवें घर में स्थित है। सूर्य की दृष्टि दूसरे घर पर है। मंगल, केतु की पूर्ण दृष्टि सूर्य पर है।
यहां स्थित सूर्य आपको कुछ अच्छे परिणाम तो देगा लेकिन कई प्रकार की परेशानियां भी दे सकता है। यहां स्थित सूर्य आपके आर्थिक पक्ष को मजबूत करेगा। धन कमाने के साथ-साथ आप धन की बचत भी कर पाएंगे। यह स्थिति कभी-कभी जीवन साथी के माध्यम से धनागमन की सूचक है। आप अपने जीवन काल में कुछ ऐसा काम जरूर करेंगे जो आपको नायकों की श्रेणी में खडा करेगा। आप एक सुखी जीवन व्यतीत करेंगे।

अधिकांश मामलों में सूर्य की यह स्थिति अच्छे परिणाम नहीं देती अत: आप पित्त के प्रकुपित होने से पैदा होने वाले रोगों से परेशान हो सकते हैं। आपकों आंखों से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं। आप में धर्य की कमी औत क्रोध की अधिकता हो सकती है। जब भी आप पर काम का बोझ बढेगा आपका क्रोध भी बढेगा। आपको किसी भी मुद्दे को लेकर अधिक चिंता नहीं करनी चाहिए अन्यथा आपको हृदय रोग परेशान कर सकता है।

यदि आप में आलस्य है तो उसे शीघ्र त्यान दें। इससे आप अधिक से अधिक धन संचय कर पाएंगे। नशा करने से आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। जहां तक हो सके पिता से संबंध मधुर बनाए रखें। अपने जीवन साथी के अलावा किसी और से गुप्त संबंध न रखें। दक्षिण दिशा के ओर मुंह वाले मकान में निवास नहीं करना चाहिए।
चंद्र विचार
आपकी कुण्डली में चन्द्र राशि में स्थित है, जो की चन्द्र की स्‍व-राशि है। चन्द्र ग्यारहवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में ग्यारहवें घर में स्थित है। चन्द्र की दृष्टि पांचवें घर पर है।
इस भाव में स्थित चन्द्रमा आपके स्वभाव में चंचलता दे सकता है। फिर भी आप बुद्धिजीवियों की श्रेणी में गिने जाएंगे। आपको परदेश में रहना या विदेश जाना बहुत पसंद होगा। आप मंहगी-मंहगी गाडियों का सुख उठाएंगे। आपके पास पर्याप्त मात्रा में धन सम्पत्ति होगी। आप समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। राज्यकार्य अर्थात सरकारी मामलों की आपको विधिवत जानकारी होगी।

आप एक धनवान और ईमानदार व्यक्ति हैं। आप एक दीर्घायु व्यक्ति हैं। आप गुणवान और संतान का सुख पाने वाले व्यक्ति हैं। आप नौकर चाकर से युक्त अपने बच्चों के साथ प्रसन्नता पूर्वक रहेंगे। आपके पुत्री संतान पुत्रों की अपेक्षा अधिक हो सकती हैं। कभी-कभी कामों को आवश्यकता से अधिक विस्तार देने के कारण आप उन्हें पूरा नहीं कर पाएंगे।

यदि आप राजनीति में किस्मत आजमाना चाहते हैं तो आपको इसमें सफलता मिल सकती है। आपको सरकार के कामों करने का अवसर भी मिल सकता है। अथवा सरकार की ओर से सम्मान और पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है। आप किसी भी समाज में आसानी से घुल मिल जाने वाले व्यक्ति हैं। व्यापार के माध्यम से भी आपको खूब लाभ होगा।
मंगल विचार
आपकी कुण्डली में मंगल राशि में स्थित है, जो की मंगल की शत्रु राशि है। मंगल आठवें, तीसरे घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में पहले घर में स्थित है। मंगल की दृष्टि चौथे, सातवें, आठवें घर पर है। बुध, शनि की पूर्ण दृष्टि मंगल पर है।
लग्न भाव में स्थित मंगल ग्रह आपको अद्भुत साहसी बनाता है। ऐसी हालत में कभी-कभी आपको दुस्साहसी होते हुए भी देखा जा सकता है। आपको किसी भी प्रकार के दबाव रहना पसंद नहीं है। आप एक मुखर व्यक्ति हैं, जो भी मन में आता है बोलने से नहीं चूकते। आपको शारीरिक तौर पर भी काफी मजबूत होना चाहिए। लेकिन मंगल ग्रह की यह स्थिति कभी-कभी सिर दर्द और दुर्घटनाएं भी करवाती है।

आपकी मां का स्वभाव कुछ हद तक गुस्सैल और रूखा हो सकता है। लेकिन वो काफी सक्रिय और पदासीन हो सकती हैं। आपके छोटे भाई बहन भी जीवन शैली में अच्छी तरह व्यवस्थित होंगे लेकिन अपने बच्चों को लेकर कुछ हद तक परेशान रह सकते हैं। आपके बडे भाई-बहन भी पूरी तरह से व्यवस्थित होंगे लेकिन छोटे भाई बहनों से उनके सम्बंध खराब रह सकते हैं।

आपको आपके शत्रुओं द्वारा कुछ हद तक परेशानी रह सकती है। आपको हमेशा सच बोलने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। आप हमेशा अपनी उम्र से कम उम्र के दिखेंगे। आपके चेहरे पर लालिमा रहेगी। हो सकता है कि आपके जीवनसाथी के साथ आपके संबंध बहुत अच्छे न रहें। आपको अक्सर बुखार के कारण परेशानी रह सकती है। सेना, चिकित्सक या इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आप की अच्छी खासी रुचि होगी।
बुध विचार
आपकी कुण्डली में बुध राशि में स्थित है, जो की बुध की नीच राशि है। बुध दसवें, पहले घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में सातवें घर में स्थित है। बुध की दृष्टि पहले घर पर है। मंगल, गुरु की पूर्ण दृष्टि बुध पर है।
बुध की यहां स्थिति अधिकांश मामलों में आपको शुभफल ही देगी। यहां स्थित बुध के कारण आप धनवान तो होंगे ही साथ ही आप रूपवान भी होंगे। आपका जीवन साथी भी स्वरूपवान होना चाहिए। साथ ही आपके जीवन साथी के पास धन दौलत भी खूब होगी। आपका विवाह कुलीन परिवार में होना चाहिए। लेकिन जीवन साथी का स्वभाव थोडा सा झगडालू हो सकता है।

आप आपके मित्रों में स्त्रियां अधिक संख्या में होंगी। आप देखने में सुन्दर, कुलीन और शिष्ट व्यक्ति हैं। आप स्वभाव से उदार और धार्मिक भी हैं। आप दीर्घायु, मधुरभाषी और सुशील व्यक्ति हैं। आप शिल्पकला में चतुर और विनोदी होने के साथ-साथ काम कला में भी निपुण होंगे। आप विद्वान, लेखक या सम्पादक हो सकते हैं।

आप एक कुशल व्यवसायी भी हो सकते हैं। आप किसी भी खरीदने और बेचने के काम से लाभ कमा सकते हैं। लेकिन आपको अपने व्यवसायिक पार्टनर पर विश्वास नहीं रहेगा। आपको लडाई या वाद-विवाद से बचना होगा अन्यथा उसमें पराजय ही आपके हाथ लगेगी। आपको भक्षाभक्ष में भेद करते हुए सात्विक चीजों का ही सेवन करना चाहिए।
गुरु विचार
आपकी कुण्डली में गुरु राशि में स्थित है, जो की गुरु की उच्च राशि है। गुरु चौथे, सातवें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में ग्यारहवें घर में स्थित है। गुरु की दृष्टि तीसरे, पांचवें, सातवें घर पर है।
यहां स्थित बृहस्पति आपको सुंदर के साथ-साथ निरोगी और दीर्घायु शरीर भी देता है। आप संतोषी, उदार और परोपकारी व्यक्ति हैं। आप कुशाग्र बुद्धि और विचारवान हैं। आप प्रमाणिक सच बोलने वाले और साधु स्वभाव के हैं। आप सज्जनों और श्रेष्ठ व्यक्तियों की संगति करने वाले व्यक्ति हैं। आप राजा या सरकार के द्वारा सम्मान और लाभ मिलेगा। श्रीमान और कुलीन लोगों से आपकी मित्रता होगी।

आपके मित्र अच्छे स्वभाव के होंगे। आपकी आशाओं और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में वो आपकी सहायता करेंगे। अच्छे मित्रों की सलाह आपके लिए उत्तम और फायदेमंद रहेगी। आपके द्वारा किए गए उत्तम कार्यों से समाज में आपका नाम होगा और श्रेष्ठता भी बढेगी। आपको अर्थलाभ और धन की प्राप्ति होगी। आप धन धान्य से पूर्ण भाग्यवान व्यक्ति हैं। आपके पास आमदनी के कई श्रोत होने चाहिए।

इस भाव का बृहस्पति कभी-कभी कंजूस बनाता है और संतान को लेकर कुछ चिंताए भी देता है। उम्र के बत्तीसवें वर्ष में आपको बहुत लाभ होता है। लेकिन आपकी पूर्वाजित सम्पत्ति को कोई और हडप सकता है या किसी कारण से वह आपके हाथ से निकल जाएगी। आप पराक्रमी, पिता के सहायक और शत्रुओं को पराजित करने वाले व्यक्ति हैं। आप राज पूज्य या राज कृपा युक्त बने रहेंगे।
शुक्र विचार
आपकी कुण्डली में शुक्र राशि में स्थित है, जो की शुक्र की स्‍व-राशि है। शुक्र नौवें, दूसरे घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में नौवें घर में स्थित है। शुक्र की दृष्टि तीसरे घर पर है। शनि की पूर्ण दृष्टि शुक्र पर है।
नवम भाव में शुक्र स्थित होने के कारण आप शारीरिक रूप से बलिष्ठ होंगे। आप धार्मिक, शुद्धचित्त, परोपकारी और गुणवान व्यक्ति हैं। आप ईश्वर पर विश्वास करने वाले धार्मिक व्यक्ति हैं। कहा गया है कि नौवें भाव में शुक्र होने से जातक पवित्र आत्मा होता है। जातक पवित्र तीर्थों की यात्रा करने वाला, जप आदि कार्य करने वाला होता है। अत: आपमें भी ये गुण होने चाहिए।

गुरुजनों देवों और अतिथियों की सेवा करने में आपको आनंद आता है। आप दयालु, उदार और संतोषी स्वभाव के हैं। आपकी रुचि गायन, वादन, सिनेमा जैसी ललित कलाओं में आपकी रुचि होनी चाहिए अथवा आप इन कलाओं में दक्ष हो सकते हैं। आप एक अच्छे अभिनेता, काव्य नाटक पढने वाले और विद्या व्यसनी हो सकते हैं। आपको समुद्री प्रवास करने का मौका भी मिल सकता है।

अपने स्तर पर आपकी गणना धनाढ्यों में होगी। आप अपने बाहुबल से भूब धन अर्जित करेंगे। आप ब्याज पर रुपए पैसों के लेन देन का काम कर सकते हैं। आपके धन में उत्तरोत्तर वृद्धि होती रहेगी। आपको सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। आप उत्तम परिधान पहनने वाले राजप्रिय व्यक्ति होंगे। विवाह के बाद आप अधिक सफल होंगे। यह स्थिति पिता के लिए कभी-कभार थोडी प्रतिकूलता दे सकती है।
शनि विचार
आपकी कुण्डली में शनि राशि में स्थित है, जो की शनि की सम-राशि है। शनि पांचवें, छठें घर का स्वामी होकर आपकी कुण्डली में सातवें घर में स्थित है। शनि की दृष्टि नौवें, पहले, चौथे घर पर है। मंगल, गुरु की पूर्ण दृष्टि शनि पर है।
यहां स्थित शनि व्यक्तिगत जीवन में अच्छे परिणाम नहीं देता है। जीवन साथी के शरीर का ऊपरी भाग बहुत सुंदर नहीं होता। विवाह से धन लाभ होता है। कभी-कभी दो विवाह होने की सम्भावना भी बनती है। दूसरे विवाह के बाद भाग्योदय होने की बात ज्योतिष शास्त्रों में कही गई है। लेकिन जीवन साथी का स्वभाव मनोनुकूल न होने की स्थिति में दाम्पत्य जीवन दुष्प्रभावी रहने की सम्भावना बनी रहती है। कभी-कभी अविवाहित रहने की इच्छा भी करती है। संतान बिलम्ब से होती है।

ठेकेदारी, कोयला, लोहा, खदानों आदि से जुडे कामों से लाभ मिल सकता है। किसी विदेशी काम या विदेशी माल में एजेन्ट का काम करने से भी लाभ मिलता है। आप शिक्षक, प्रध्यापक, गणक आदि कामों से जुड कर भी आजीविका कमा सकते हैं। बाल्यावस्था में माता पिता को लेकर कुछ कष्ट उठाने पड सकते हैं। बावन, तिरपन साल की उम्र में जीवनसाथी को कष्ट हो सकता है।

यहां स्थित शनि के अशुभ प्रभावों की चर्चा करते हुए ज्योतिषीय ग्रंथों मेम कहा गया है कि संतान को कष्ट हो सकता है। मन अशांत रह सकता है। दिलोदिमाग में एक अजीब सी घबराहट रह सकती है। समय-समय पर आने वाली आर्थिक समस्याएं विचलित कर सकती हैं। शरीर में आए दिन कोई न कोई रोग बना रह सकता है।
राहु विचार
आपकी कुण्डली में राहु राशि में स्थित है। राहु आठवें घर में स्थित है। राहु की दृष्टि बारहवें, दूसरे, चौथे घर पर है। मंगल, केतु की पूर्ण दृष्टि राहु पर है।
राहू के इस भाव में स्थित होने के कारण आप शरीर से मजबूत होंगे। आपको अपने जन्म स्थान में रहने का समय कम मिलेगा अर्थात आप अधिकांश समय विदेश में रह सकते हैं। आप राजाओ, सरकारी प्रतिनिधियों और पंडितों के आदरणीय होंगे। आप लोगों में माननीय और प्रशंसित होंगे। आप श्रेष्ठ कर्मों को करने वाले व्यक्ति हैं। आपका भाग्योदय छब्बीस से छत्तीस वर्ष के बीच होगा।

राज्यपक्ष से आपको प्रचुर मात्रा में धन की प्राप्ति भी हो सकती है लेकिन कभी-कभी बेकार में धन बर्बाद भी हो जाता है। हांलाकि आप धनवान होंगे। आपके पुत्र संतति की संख्या कम होगी। आपका बुढापा बहुत सुखी रहेगा। यदि आपकी रुचि गाय पालने में होगी तो आपके पास पशुधन पर्याप्त मात्रा में होगा। आपको अपने जीवन से जुडी कई बातों का पूर्वानुमान हो जाएगा।

लेकिन यहां स्थित राहू कई प्रकार केक अशुभफल भी देता है। जिसके कारण आप कुछ हद तक भीरु और आलसी भी हो सकते हैं। आप स्वभाव से जल्दबाज और वाचाल हो सकते हैं। आप कुछ ऐसे कामों में भी लग सकते हैं जो धार्मिक या सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत अच्छे न माने गए हों। आपको पैत्रिक धन से वंचित रहना पड सकता है। आपको भाई-बंधुओं से कष्ट मिल सकता है। आपके खर्चे अधिक होने के कारण आपको धन संचय में परेशानी रह सकती है।
केतु विचार
आपकी कुण्डली में केतु राशि में स्थित है। केतु दूसरे घर में स्थित है। केतु की दृष्टि छठें, आठवें, दसवें घर पर है। सूर्य, राहु की पूर्ण दृष्टि केतु पर है।
इस भाव स्थित केतू आपको रूपवान बनाता है। सुफलों की श्रेणी में यह आपको सुखी और सम्पन्न भी बनाता है। ज्योतिषीय साहित्यों में कहा गया है कि यहां स्थित केतू आपको अत्यंत सुख देता है। आप अमित सुख के साथ-साथ धन लाभ भी प्राप्त करते हैं। कई अवसरों पर यह आपको मधुर वचन वक्ता भी बनाता है। लेकिन अधिकांश मामलों में यहां स्थित केतू को अशुभफल देने वाला ही माना गया है। आप कुछ हद तक व्यग्रचित्त हो सकते हैं। कई मामलों में आपको भ्रमित भी देखा जा सकता है। कभी-कभी आपको ऐसी अनुभूति होगी कि आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है। मन संतापित रहता है।

कामों में व्यवधान आ सकते हैं। कई मामलों में आप धर्म के विरुद्ध जाते हुए पाए जाएंगे। आपको नीचों की संगति अधिक पसंद होगी। विद्या प्राप्ति में व्यवधान आ सकता है। आर्थिक समस्याएं बीच-बीच में परेशान कर सकती हैं। व्यर्थ के खर्चे बने रहेंगे। राजपक्ष या सरकार से भय रहेगा। पैतृक सम्पत्ति मिलने में व्यवधान आएगा।

कोई मुख रोग परेशान कर सकता है अथवा वाणी में कोई दोष हो सकता है। आदर सत्कार का वचन निकालने में अरुचि हो सकती है। भाषण सम्भाषण में सरसता का अभाव रहेगा। परिवार में कलह रह सकती है। मित्रों से विरोध हो सकता है और व्यवसाय में घाटा हो सकता है। अत: इन बातों को ध्यान में रखकर आचरण करें।

No comments:

Post a Comment