|| वर्षफल विवरण ||
वर्षफल कुण्डली एवं तालिका |
ताजिक वर्षफल कुण्डली |
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वर्षफल तालिका |
ग्रह | राशि | रेखांश |
लग्न | धनु | 09-08-26 |
सूर्य | मेष | 05-18-32 |
चंद्र | मेष | 18-30-37 |
मंगल | मेष | 19-54-32 |
बुध | मेष | 15-55-44 |
गुरु | कर्क | 18-41-26 |
शुक्र | वृषभ | 15-21-47 |
शनि | वृश्चिक | 09-48-09 |
राहु | कन्या | 15-06-09 |
केतु | मीन | 15-06-09 |
यूरेनस | मीन | 23-13-17 |
नेपच्यून | कुंभ | 14-56-01 |
प्लूटो | धनु | 21-20-05 |
मुन्था :10 भाव |
आपको कॅरिअर में बेहतर अवसर मिलेगे। इसके अलावा जमीन व वाहन की प्राप्ति होगी। आराम की वस्तुओं का उपभोग करेंगे। उच्च पदों से सहयोग मिलेगा और आपके पद व मान में बढोत्तरी होगी। आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। |
वर्षफल सहम |
सहम | अंश | ग्रह | |
पुण्य | वृश्चिक | 25 . 56 . 21 | मंगल |
शिक्षा | मकर | 22 . 20 . 31 | शनि |
लोकप्रियता और प्रसिद्धि | वृषभ | 16 . 23 . 21 | शुक्र |
मित्र | मीन | 18 . 57 . 36 | गुरू |
पिता | वृषभ | 04 . 38 . 49 | शुक्र |
माता | कुंभ | 05 . 59 . 35 | शनि |
जीवन | सिंह | 18 . 01 . 42 | सूर्य |
कर्ण | धनु | 05 . 09 . 38 | गुरू |
मृत्यु | मीन | 04 . 19 . 46 | गुरू |
विदेश यात्रा | वृषभ | 20 . 45 . 58 | शुक्र |
धन-सम्पत्ति | कुंभ | 12 . 22 . 33 | शनि |
व्यभिचार | कुंभ | 19 . 11 . 40 | शनि |
बीमारी | सिंह | 29 . 46 . 14 | सूर्य |
वैकल्पिक व्यवसाय | सिंह | 00 . 25 . 57 | सूर्य |
वाणिज्य | मकर | 11 . 43 . 19 | शनि |
कार्य सिद्धि | तुला | 28 . 37 . 00 | शुक्र |
विवाह | मिथुन | 14 . 42 . 04 | बुध |
संतान | कन्या | 06 . 22 . 44 | बुध |
प्रेम | कुंभ | 05 . 32 . 36 | शनि |
व्यापार | मकर | 13 . 07 . 13 | शनि |
शत्रु | कर्क | 29 . 02 . 03 | चंद्र |
कारावास | वृश्चिक | 23 . 00 . 13 | मंगल |
वित्तीय लाभ | वृश्चिक | 12 . 17 . 16 | मंगल |
मुद्दा विंशोत्तरी दशा |
ग्रह | से आरंभ करके | तक |
सूर्य | 19/4/2015 | 08/05/2015 |
चंद्र | 08/05/2015 | 07/06/2015 |
मंगल | 07/06/2015 | 28/06/2015 |
राहु | 28/06/2015 | 22/08/2015 |
गुरु | 22/08/2015 | 10/10/2015 |
शनि | 10/10/2015 | 07/12/2015 |
बुध | 07/12/2015 | 27/01/2016 |
केतु | 27/01/2016 | 18/02/2016 |
शुक्र | 18/02/2016 | 19/04/2016 |
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मुद्दा योगिनी दशा |
दशा | ग्रह | से आरंभ करके | तक |
भ्रामरी | मंगल | 19/4/2015 | 30/05/2015 |
भद्रिका | बुध | 30/05/2015 | 20/07/2015 |
उल्का | शनि | 20/07/2015 | 19/09/2015 |
सिद्धा | शुक्र | 19/09/2015 | 29/11/2015 |
संकटा | राहु | 29/11/2015 | 18/02/2016 |
मंगला | चंद्र | 18/02/2016 | 28/02/2016 |
पिंगला | सूर्य | 28/02/2016 | 19/03/2016 |
धन्य | गुरु | 19/03/2016 | 18/04/2016 |
वर्षफल भविष्यफल |
अप्रैल 19, 2015 - मई 08, 2015 दशा सूर्य |
सूर्य भाव संख्या 5 में |
इस अवधि में आप जीवन का बड़े उत्साह और उल्लास से स्वागत करेंगे प्रणय प्रेम संबंधों के लिये यह समय श्रेयस्कर नहीं है। बहुत अधिक सोच विचार हानिकर हो सकता है इसलिये इससे आप बचें। अचानक यात्रा की संभावना भी हो सकती है। |
मई 08, 2015 - जून 07, 2015 दशा चंद्र |
चंद्र भाव संख्या 5 में |
यह वह समय है जब आपकी योजनाएं सफलीभूत होंगी। अपनी सृजनात्मक बुद्धि के कारण आप सफल होंगे। प्रणय एवम् प्रेम संबंधों के लिहाज से भी यह अच्छा समय है। आपकी सारी जरूरतें पूर्ण करने के लिये मित्र तत्पर रहेंगे। आपके लेखन की लोग सराहना करेंगे। |
जून 07, 2015 - जून 28, 2015 दशा मंगल |
मंगल भाव संख्या 5 में |
आप सावधान रहें क्योंकि आपकी विवेक बुद्धि में ह्रास संभावित है। स्वास्थ्य एवम् पारिवारिक सदस्यों के कारण परेशानी पैदा होगी। सट्टेबाजी से बचें। कुछ ऐसे खर्चे भी करने पड़ेंगे जिनके कारण आपके नियंत्रण से बाहर होंगे। मित्र एवम् सहयोगियों से निराशा पायेंगे। यात्रा से थकान होगी। |
जून 28, 2015 - अगस्त 22, 2015 दशा राहु |
राहु भाव संख्या 10 में |
इस अवधि के दौरान आपका अपने प्रति विश्वास बहुत बढ़ा चढ़ा रहेगा। आप निडर संघर्षप्रेमी और झगड़े झंझट से डरने वाले नहीं होंगे। आपकी मेहनत और कर्मठता से व्यापार धंधे में विकास होगा। वरिष्ठ लोगों और सत्ताधारी व्यक्तियों से आपके संबंध मधुर रहेंगे। साथ ही साथ आपके व्यापारिक क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी। एक सोची हुई यात्रा पूरी करने से असीमित लाभ प्राप्त करेंगे। प्रतिस्पर्धा में विजयी रहकर आप अपने शत्रुओं का पराभव कर देंगे। स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा रहेगा। |
अगस्त 22, 2015 - अक्टूबर 10, 2015 दशा गुरु |
गुरु भाव संख्या 8 में |
मानसिक चिन्ताओं के कारण तकलीफ होगी। शारीरिक रोग भी घेरे रह सकते हैं। दिमाग को शांति नहीं मिलेगी। परिवार जनों का बर्ताव भी फर्क रहेगा। लेकिन गूढ़ विाान और परामनोविाान में आपकी रूचि जागृत होगी। इन क्षेत्रों के कुछ अनुभव भी प्राप्त होंगे। अचानक धन लाभ होने की भी संभावना है। पूंजी निवेश का प्रयत्न न करें क्योंकि मन चाहा परिणाम प्राप्त नहीं होगा। मित्र व सहयोगी अपना वचन नहीं निभायेंगे। असुरक्षा की भावना सदैंव विद्यमान रहेगी। |
अक्टूबर 10, 2015 - दिसम्बर 07, 2015 दशा शनि |
शनि भाव संख्या 12 में |
इस अवधि में जीवन शक्ति में कमी होने के कारण आप बेहद अशक्त महसूस करेंगे। फालतू के कामों में आप अपनी घ¹र्जा बर्बाद करेंगे। धन हानि होगी। परिवारजनों की बीमारी आपकी मानसिक शांति भंग कर देगी। व्यय करने की प्रवृति बढे़गी। अवांछित स्थान पर आपको निवास करना पड़ सकता है। लेकिन यह इद्रयातीत अनुभव प्राप्त करने के लिये बुरा समय नहीं है। धार्मिक क्रियाकलापों में कुछ समय बिताने की सलाह दी जाती है। सांसारिक मामलों के लिहाज सेयह श्रेष्ठ समय नहीं है। |
दिसम्बर 07, 2015 - जनवरी 27, 2016 दशा बुध |
बुध भाव संख्या 5 में |
इस अवधि में अपनी पैनी विवेक बुद्धि और सही अंदाज लगाने की क्षमता के कारण आप प्रचुर सम्मान प्राप्त करेंगे। आपकी कल्पना अत्यधिक सक्रिय रहेगी। नये उद्यमों में निश्चित सफलता प्राप्त करेंगे। यह समय प्रणय और रोमान्स के लिये भी अच्छा है। आपके सृजन बोध की सराहना की जायेगी। पारिवारिक सुख बढा चढ़ा रहेगा। मित्र और शुभ चिन्तक पूरा सहारा देंगे। इस अवधि के दौरान आप महत्वपूर्ण व्यक्तियों के सम्पर्क में आयेंगे। एक यादगार यात्रा होने की भी संभावना है। |
जनवरी 27, 2016 - फरवरी 18, 2016 दशा केतु |
केतु भाव संख्या 4 में |
इस अवधि के दौरान वैचारिक स्पष्टता का अभाव रहेगा। साधारण रूप से प्रसन्नता नहीं मिलेगी। पारिवारिक वातावरण भी परेशान रखेगा। छोटी छोटी बातों पर झगड़ें और विवाद हो सकते हैं। व्यापार धन्धा भी मन्दा चलेगा। अगर नौकरी करते हैं तो नौकरी के हालात भी संतोषप्रद नहीं होंगे। इस अवधि में आपके शीघ्र व्याधिग्रस्त होने की प्रवृति रहेगी। परिवारजनों की बीमारी चिन्तित रखेगी। वैसे आपका मन धार्मिक क्रिया कलाप की ओर झुका रहेगा और आप पवित्र स्थलों की यात्रा करेंगे। |
फरवरी 18, 2016 - अप्रैल 19, 2016 दशा शुक्र |
शुक्र भाव संख्या 6 में |
इस अवधि में वासनापटक विचार सिर्फ आपको अवसादित ही नहीं करेंगे जलील भी करवा सकते हैं। स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के कारण आपकी नित्यचर्चा में भी व्यवधान उपस्थित हो जायेगा। वैसे नौकरी के हालात अच्छे रहेंगे। यद्यपि काम का बोझ थकाने वाला होगा। स्त्री वर्ग से आपका व्यवहार मधुर नहीं रह पायेगा। विरोधी प्रबल होंगे। विपरीत परिस्थितियों में प्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास प्राप्त करने का प्रयत्न करें। भारी व्यय होने की भी संभावना है। |
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